आवश्यक सूचना : हमें जानकारी मिली है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार सेवा ट्रस्ट के नाम से मिलते जुलते कई नकली संगठन देश में सक्रिय है। उन नकली संगठनो के पदाधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार सेवा ट्रस्ट के नाम से लोगों को गुमराह किया जा रहा है। आप लोगों से अनुरोध है कि ऐसे गुमराह करने वाले व्यक्तियों एवं संगठनो से बचे एवं अगर कोई व्यक्ति खुद को राष्ट्रीय मानवाधिकार सेवा ट्रस्ट का अधिकारी बताता है तो सबसे पहले उसके रेजिस्ट्रेशन नम्बर से हमारे वेब्सायट पर ऑफ़िसर वेरिफकेशन में जाकर उनकी सत्यता जाँच ले। अगर आप किसी अनधिकृत व्यक्ति द्वारा किसी प्रकार के ठगी का शिकार बनते है तो राष्ट्रीय मानवाधिकार सेवा ट्रस्ट मुख्यालय जिम्मेदार नही होगा।

हमारे बारे में

राष्ट्रीय मानवाधिकार सेवा ट्रस्ट

हमारे देश में मानवाधिकार जब तक जन-जन तक नहीं पहुचाया जायेगा तब तक देश में मानव विकास , शांति नहीं हो सकती है आज के दौर में मानवाधिकार का हनन करने में कोई पीछे नहीं रहना चाहता है चाहे सरकारे या शासन , प्रशासन और भी तमाम ऐसे संस्थाऐ जो जन मानस को दिन-रात नुकसान पहुचाने में लिप्त है , भारत में मानवाधिकार लोगों की हैसियत देखकर मिलता है क्योकि भारत की जनता में जागरूता नहीं हैं, इसलिए भारत में शिक्षित समाज भी मानवाधिकार का हनन करने में पीछे नहीं है , इस सब को देखते हुए अटल बिहारी बजाज , भीकम सिंह , राधेश्याम , ब्रिजेश राघव , राधेश्याम कमलापुरी , रसाल प्रसाद राजाराम , अरविन्द कुमार , एह्तेशामुल मिर्जा , बालेश्वर मंडल , सुरेन्द्र कुमार गुप्ता , ओम प्रकाश सोनकर , आदि गणमान्य व्यक्तियों के द्वारा मानवाधिकार का हनन रोकने के उद्देश्य से इस राष्ट्रीय मानवाधिकार सेवा ट्रस्ट की स्थापना 6 जुलाई 2021 दिन मंगलवार को की गयी एवं सभी, भारतवासियों को मानवाधिकार के प्रति जागरूक बनाने की कोशिश करते हुए मानव विकास , शांति के पथ पर चलने वाला राष्ट्र बनाने की प्रेरणा देगें और देश में असहाय , गरीब जो अपने मूलभूत अधिकारों से वंचित है उनको अधिकार दिलाने का प्रयास करेगें |